True Love Story, आज मैं ऐसी सच्ची कहानी सुनाऊंगा जिसे पढ़ने के बाद शायद आपकी आंखें भी छलक जाएंगी
इस कहानी का नाम है“ शरीके हयात” इस कहानी में एक ऐसी बीवी का किरदार है जो हर चीज सहते हुए भी कभी उसके चेहरे पे शिकन तक न आई
जो हमेशा उस मोहब्बत की तलाश में है की शायद कल उसे वो मिल जाए ।अब उसे मिलती है वो मोहब्बत या वो इज्ज़त ये तो पढ़ने के बाद ही पता लगेगा तो आइए पढ़ते हैं इस कहानी का
Part_1
मेरी शरीके हयात
stop 24 seven: मेरी शरीके हयात जिसका रंग रूप तो आम है! पर उसमें सबसे खास बात है ,जो आम औरतों से उसे अलग बनाता है वो है उनके अंदर का सब्र ! इतना सब मैंने पहली बार किसी औरत में देखा है।
मैंने दुनिया देखी है पर मुझे उसका सब्र देखकर लगता है! कि मेरी खुशकिस्मती है कि वह मुझे वह मिली !और शायद उसकी बदनसीबी कि मैं उसे मिला ।क्योंकि मैं उसके लिए कभी कुछ नहीं कर पाया कभी उसे कोई खास तोहफा नहीं दिया ना कभी घुमाने ले गया जब मेरी उससे शादी लगी तो मैं शादी के लिए बिल्कुल तैयार नहीं था मेरी बहनों ने कहा शादी कर ले ताहिर ! लड़की बहुत अच्छी है लालटेन लेकर भी ढूंढेगा तो ऐसी लड़की नहीं मिलेगी। वह मेरी रिश्तेदार की ही थी ।मैं बेबी को पहले से ही जानता था वह मेरी बहन की नंद थी। मैंने मन ही मन सोचने लगा ऐसी लड़की से शादी करने के लिए कह रहे सब, जिसमें कुछ भी तो खास नहीं है?
गेहूंआ रंग ,मध्यम हाइट ,ना उसे लंबी कहेंगे ना बिल्कुल नाटी !ऐसा कुछ भी उसमें खास नहीं था ।एक आम लड़की जो बिल्कुल मेरे ख्वाबों की शहजादी की तरह तो बिल्कुल भी नहीं थी ,पर घरवालों के हाथों मैं मजबूर हो गया ।मेरे अब्बा और मेरी बाजी चाहती थी कि बेबी मेरी बीवी बने, अम्मा काम के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर ही रहती थी।
अब्बा छोटे-मोटे किसान थे !मेरी दो बहने कुंवारी थी। मिलाजुला कर काम के नाम पर मैं भी अपने अब्बा के साथ खेती-बाड़ी में उनका हाथ बटाया करता था ।हम लोगों के पास जमीन अच्छी खासी थी ,दो-तीन गाय थी! मिलाजुला कर खुशहाल फैमिली थी! अम्मा के गैर मौजूदगी में मेरी नानी हम लोगों का ख्याल रखती।
बेबी अपने तीन भाइयों की लाडली बहन थी! जब वह अपने मां के घर में मात्र 3 महीने की थी तभी उसके अब्बा कैंसर की बीमारी से गुजर गए। यहां पर बेबी के अम्मा का भी जिक्र करना चाहूंगा । अगर उनका जिक्र नहीं किया तो नाइंसाफी होगी क्योंकि, जब बेबी की अम्मा जिनका नाम नसीमा खातून उनकी भी एक अलग ही कहानी है जब वह 1 साल की थी तो बीमारी की वजह से उनकी मां चल बसी। बस उस छोटी सी बच्ची को तो यह भी मालूम नहीं कि उसकी इस दुनिया से रुखसत हो चुकी है वह तो अपनी मां के छाती से चिपकी पड़ी थी उनके हाथों से खिलखिला कर खेल रही थी । मात्र 35 साल की उम्र बेबी की मां ने अपने पति को भी खो दिया !पर हिम्मत नहीं हारी अपने तीनों बेटों और बेटियों को पढ़ाया लिखाया कभी कमजोर नहीं पड़ी !ना दुनिया के सामने, टिकी रही पत्थर बनकर किसी को अपने दिल के जख्म नहीं देखने दिया हमेशा मुस्कुराती रही जैसे मेरी बेबी भी अपने दिल के जख्म किसी को नहीं दिखाती हमेशा मुस्कुराती रहती है ।पर मैं देख सकता हूं! उसकी आंखों की उदासी जो मुझे अंदर ही अंदर खोखला कर देती है !उसके हंसते हुए चेहरे के पीछे का दर्द मैं महसूस कर सकता हूं !पर मैं चाह कर भी उसके लिए कुछ नहीं कर सकता क्यों उसकी वजह आपको इस कहानी में पढ़ने को मिलेगी ।मेरी ना नाकुर के बाद भी मेरी शादी बेबी से तय हो गई! घर में गाने बजाने शुरू हो गए !शादी की खरीदारी भी होने लगी न्यौता बांटने लगा सारे रूठे रिश्तेदारों को मनाने का सिलसिला शुरू हो चुका था। इस रिश्ते से सबसे ज्यादा खुश थे मेरे अब्बा !और कहीं ना कहीं, ना खुश था मैं और मेरी अम्मा जो इस रिश्ते के सख्त खिलाफ थी ,पर अब्बा और नानी के दबाव में आकर अम्मा ने इस रिश्ते को मंजूरी दे दी। पर मुझे नहीं मालूम था यह नापसंदी ही अम्मा की बेबी पर इतनी भारी पड़ेगी इसकी मुझे जरा भी उम्मीद नहीं थी ।मेरे अब्बा बहुत सीधे-साधे तो अम्मा तेजतर्रार औरत थी, दोनों एक दूसरे के बिल्कुल अपॉजिट !अम्मा बेइंतहा खूबसूरत थी ,अपने जमाने में वह किसी हीरोइन को टक्कर देती थी ,पर अब्बा का सांवला रंग, पतले लंबे और छरहरे ,ऐसा लगता कि उनके जिस्म में सिर्फ हड्डी और चमरा ही हो ।
लंबी सफेद दाढ़ी और हमेशा मैंने उन्हें सफेद कुर्ता और लुंगी में ही देखा है । चाहे जैसे भी वक्त हालात हों पर अब्बा को हमेशा मुस्कुराते हुए ही देखा ।
जब से होश संभाला मैंने कभी अम्मा को अपने अब्बा से दो बोल भी कभी प्यार से बोलते नहीं देखा !आपने उनसे बहुत कम ही बातचीत करती! मैंने उन दोनों को कभी भी किसी शादी समारोह में आपस में सलाह मशविरा करते हुए नहीं देखा था।
Writer ✍️ _ gulafshan Neyaz
अब मिलते हैं इस कहानी के दूसरे पार्ट में कैसी लगी कहानी आप लोग कॉमेंट करके plz ज़रूर बताएं ।
और इसके दूसरे पार्ट का आप लोग को कितना इंतजार है ये भी बताएं?