अंकिता ने एक साथ दिया 5 बच्चियों को जन्म, मां और बच्चे दोनों की हालत अभी  सामान्य

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अंकिता ने एक साथ दिया 5 बच्चियों को जन्म
अंकिता ने एक साथ दिया 5 बच्चियों को जन्म

अंकिता ने एक साथ दिया 5 बच्चियों को जन्म, मां और बच्चे दोनों की हालत अभी  सामान्य

  झारखंड न्यूज: आपको जानकर थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन यह मामला  झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में सोमवार की दोपहर एक महिला ने पाँच बच्चियों को जन्म दिया है ।
इन बच्चियों  की माँ अंकिता कुमारी और पिता प्रकाश कुमार साव बहुत ख़ुश हैं, क्योंकि उन्हें शादी के सात साल बाद बच्चे हुए हैं ।हालांकि, यह ख़ुशी उनके लिए कई चिंताएं भी लेकर आई है।
   डॉक्टरों के अनुसार बच्चियों और उनकी माँ की हालत फ़िलहाल अभी  स्थिर है,फिर भी उन्हें अगले कुछ सप्ताह अस्पताल में ही गुज़ारने होंगे ,जिससे उन्हें किसी भी तरह की परेशानी हो तो तुरंत मेडिकल सुविधाएं मिल सकें।        आपको बताते चलूं की इन बच्चियों को दो अलग-अलग अस्पतालों के नियोनटल इंटेसिव केयर यूनिट (एनआइसीयू) में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।
  जानकारी के अनुसार कुमारी पिछले सात मई से रिम्स में स्त्री और प्रसूति रोग विभाग की प्रोफ़ेसर डॉ शशिबाला सिंह की यूनिट में भर्ती हैं।
प्रसव से पहले जब उनकी जांच हुई तो  डॉक्टरों ने उन्हें बता दिया था कि उनके गर्भ में एक से अधिक बच्चे हैं।इसके बाद से ही वे डाक्टर्स की देखरेख में थीं। 22 मई की दोपहर उन्हें अचानक दर्द (लेबर पेन) हुआ और उन्होंने आधे घंटे के दौरान एक-एक कर पाँच बेटियों को जन्म दिया।

एक साथ 5 बच्चियों के जन्म से टूटा रिकॉर्ड 

   आपको बताना चाहूंगा कि अंकिता का  इलाज कर रही डॉ. शशिबाला सिंह की टीम में शामिल डॉ. बुलुप्रिया ने बताया कि रिम्स में पहली बार एक साथ पाँच बच्चों का जन्म हुआ है ।इससे पहले यहां एक महिला ने चार बच्चों को जन्म दिना था।

लेकिन अब वह रिकार्ड भी  टूट गया है।

डॉ. बुलुप्रिया ने मीडिया से कहा, “ऐसे मामले कभी-कभार आते हैं लेकिन ऐसा हो पाना आश्चर्यजनक नहीं है। देश-दुनिया में इस तरह के प्रसव होते रहे हैं।यह सामान्य प्रक्रिया है, जब गर्भ में एक से अधिक एग्स बन जाएं। इनका अलग से कोई जोखिम नहीं है लेकिन भ्रूण की संख्या अधिक होने पर समय पूर्व प्रसव और बच्चों का वज़न कम होने जैसी शिकायतें मिल सकती हैं”।
“अंकिता के मामले में भी ऐसा ही हुआ है. हमें उनका प्रसव सातवें महीने में ही कराना पड़ा. इस कारण उनके बच्चों का वज़न सामान्य से कम (अंडरवेट) है. उनके फेफड़े कमज़ोर हैं. इसलिए उन्हें गहन निगरानी में रखा गया है”।

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