“दोषी हूं तो गोली से उड़ा दो” आखिर जेल से बाहर आते ही आनंद मोहन को क्यों यह बात मंच से बोलनी पड़ी ?
अररिया: आपको पता होगा कि पूर्व सांसद और बिहार के बाहुबली आनंद मोहन जेल से बाहर आने के बाद पॉलिटिकली सक्रिय हो गए हैं। अररिया के फारबिसगंज मंच से उन्होंने कई ऐसे ही बयान दिए हैं। जेल से रिहा होने के बाद बुधवार (10 मई) को उनका पहला पब्लिक कार्यक्रम था। उनके साथ उनकी पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद भी मंच पर मौजूद थीं। उन्होंने सीधे कहा कि वह आईएस जी कृष्णैया हत्याकांड में दोषी नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें गोली से उड़ा दिया जाए या फिर सूली पर चढ़ा दिया जाए वह हंसते-हंसते मंजूर कर लेंगे।
आपको बता देना चाहता हूं कि जब से आनंद मोहन की रिहाई हुई है उसके बाद से बिहार की राजनीति गर्म है। इसी का नतीजा रहा कि स्थानीय बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह और दो बीजेपी विधायकों ने उनके साथ कार्यक्रम में मंच साझा नहीं किया ।दरअसल बुधवार को अररिया जिले के फारबिसगंज के फैंसी मार्केट में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण समारोह था। इसी में आनंद मोहन सिंह और उनकी पत्नी लवली आनंद भी उनके साथ पहुंचीं थीं । जिला क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन हुआ था ।
“निर्दोष हैं इसके बावजूद भी काट कर निकला”
बताते चलें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह ने अनावरण कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में बाबू वीर कुंवर सिंह के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हैं । चर्चित मामले का जिक्र करते हुए कहा कि आईएएस जी कृष्णैया हत्याकांड में वे निर्दोष हैं ।इसके बावजूद भी वह सजा काट कर आए हैं ,जबकि उनके साथ हत्याकांड में सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिली थी, लेकिन छह लोग छूट गए।उनका कहना है कि उन्होंने उस दंड की सजा काटी जो उन्होंने किया ही नहीं। उन्होंने कहा कि जी कृष्णैया हत्याकांड और उन्हें जेल से छोड़े जाने को लेकर वर्तमान दौर में सियासी दल के नेता अपनी सियासत चमकाने के लिए कई तरह के बयान दे रहे हैं।
लालकृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक से पूछिए
वहीं आपको बता दूं कि आनंद मोहन ने कहा कि किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं कि आज तक कि जी कृष्णैया की हत्या क्यों हुई थी। उन्होंने कहा कि यह देश किसी के बाप का नहीं है, बल्कि सबों के खून से सींचा गया चमन भारत है। इस दौरान आनंद मोहन ने दो नेताओं का नाम लिया,और कहा कि अगर उनके बारे में जानने चाहते हैं, तो लालकृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक से पूछिए कि वो क्या चीज हैं,और साथ ही कहा कि वह हमेशा सिद्धांत की लड़ाई लड़ने वाले व्यक्ति रहे हैं।
आनंद मोहन सिंह ने कहा कि लवली आनंद ने संसद में चिल्ला-चिल्लाकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी और कहा था कि अगर मेरे पति दोषी हैं तो फांसी दे दीजिए पर सीबीआई जांच नहीं हुई थी।