गांव वालों ने बनाया Chandrayaan 3. ऐसा ‘ताजिया’ कभी देखा नहीं होगा

0
203

बिहार के गया में सबसे अधिक चर्चा Chandrayaan 3 का ताजिया है। इसके साथ सेल्फी खिंचाने की होड़ लगी है। ताज बनाने वाले कारीगर इससे देश के वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हैं।
मुहर्रम पर बिहार के कुछ जिलों से अप्रिय खबर आई। छोटी-छोटी बातों ने दो समुदायों को उलझा दिया। इसके बाद पुलिस चाक चौबंद थी और त्योहार समाप्त हो गया। इस बीच, बिहार के गया से एक बहुत प्रशंसित ताजिया का चित्र सामने आया है। भारत ने पिछले 14 जुलाई को चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया था। भारत की इस कार्रवाई की पूरी दुनिया ने प्रशंसा की है। भारत अंतरिक्ष में अपनी शक्ति का लोहा मान रहा है। भारत अपने प्रदर्शन पर गर्व करता है।

गया में ताजिए की शक्ल में गर्व की भावना दिखाई दी। यहां के ताजिया बनाने वाले कारीगरों ने मिशन चंद्रयान-3 की तरह दिखने वाला एक ताजिया बनाया है।

बीपीएससी ने निकाली असिस्टेंट डिविजनल फायर ऑफिसर के 21 पदों पर बहाली , जल्दी करें आवेदन

बिकुआकलां में चंद्रयान-3 मिशन

गया के इमामगंज और डुमरिया प्रखंडों की सीमा पर मैगरा थाना क्षेत्र में हर साल मुहर्रम के दसवें दिन लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों ने ताजिया बनाकर प्रदर्शन किया जाता है। इसमें गांव का सबसे सुंदर ताजिया पुरस्कृत किया जाता है। इस साल, मैगरा थाना क्षेत्र के बिकुआकलां में मिशन चंद्रयान-3 से प्रेरित एक ताजिया चर्चा में है। यह ताजिया लोगों का आकर्षण है।

चंद्रयान-3 ताजिया तीन दिन में

भारत ने जो अंतरिक्ष विजय का ताजिया बनाया है उस पर “इसरो” लिखा है। यह भी लांचिंग डेट बताता है। ताजिया के चारों ओर तिरंगा है। ताजिए देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है। इसके साथ लोग सेल्फी ले रहे हैं। नक्सल प्रभावित बिकुआकला गांव के कारीगरों ने इसे सिर्फ तीन दिनों में बनाया है।

इस ताजिए को बनाने में 50 हजार रुपए खर्च हुए हैं। बिकुआकला गांव के लोगों और ताजिया कमेटी के सदस्यों ने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 का उद्घाटन कर विश्व भर में भारत का नाम रोशन किया है। यह वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करने का प्रयास है। ताजिया देखने आए लोगों ने इसे बनाने वाले कारीगर को सलाना देने की मांग की है। स्थानीय अधिकारी इसकी भी प्रशंसा कर रहे हैं।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here