एक 17 वर्षीय लड़का अतीक अहमद आखिर कैसे बना यूपी की राजनीति का बाहुबली
यूपी: अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 ईस्वी को श्रावस्ती में हुआ था। अतीक अहमद के पिता का नाम फिरोज था जो कि इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर तांगा चलाया करते थे। एक दौर था जब प्रयागराज का नाम इलाहाबाद हुआ करता था। ये दौर 80 के दशक का है जब इलाहाबाद में माहौल तेजी से बदल रहा था। उस समय इलाहाबाद की पहचान शिक्षा के गढ़ के रूप में बन रही थी । उसी समय की बात है इलाके के कुछ लड़कों में अमीर बनने की खूब होड़ लगी थी। इसके लिए वह कुछ भी कर सकने को तैयार थे। चकिया मोहल्ले का तांगे वाले का लड़का एकदम सुर्खियों में छा गया, यह अचानक सुर्खियों में आने वाला लड़का कोई और नहीं बल्कि अतीक अहमद था।
* अतीक महज 17 वर्ष की उम्र में ही अपराध की दुनिया में रखा था कदम
आपके जानकारी के लिए बता दूं कि महज 17 वर्ष की उम्र में अतीक अहमद के खिलाफ पहली बार हत्या का केस दर्ज हुआ था। इसके बाद अतीक का खौफ और आतंक इलाके में फैलने लगा ।डर की वजह से अतीक अहमद का रंगदारी का धंधा बड़ी तेजी से चलने लगा। उस वक्त अतीक के अलावा एक और नाम चांद बाबा काफी चर्चित था। इस गुंडे का खौफ शहर ,चौक और रानी मंडी तक ऐसा था कि लोग तो लोग पुलिस तक जाने से डरती थी। उस समय अतीक की उम्र लगभग 22 वर्ष की थी। उसके बाद अतीक अहमद को पुलिस और नेता दोनों का सह मिलने लगा। उम्र बढ़ने के साथ-साथ अतीक ने जुर्म की दुनिया में अपना सिक्का जमा लिया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार अतीक अहमद पर करीब 80 मामले दर्ज हुए हैं। जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास ,अपहरण ,शांति व्यवस्था भंग करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, पुलिस के साथ मारपीट, लाइसेंसी हथियार का दुरुपयोग ,गुंडा एक्ट ,जमीन पर जबरन कब्जा जैसे आरोप शामिल हैं। अतीक अहमद के खिलाफ इलाहाबाद, लखनऊ, चित्रकूट, देवरिया के साथ-साथ पड़ोसी राज्य बिहार में भी आरोप दर्ज हैं।
* अतीक अहमद की राजनीतिक जीवन की शुरुआत
अतीक अहमद ने 1989 ईस्वी में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। सबसे पहली बार इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा से निर्दल उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए। उस समय उन्होंने कांग्रेस के गोपाल दास को 8102 वोटों से हरा दिया था। इसके बाद अतीक अहमद ने फिर इसी सीट से 1991 और 1993 का चुनाव भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीता था। फिर इसके बाद अतीक अहमद समाजवादी पार्टी से 1996 ईस्वी में चौथी बार विधायक बनने की हैट्रिक लगाई। लेकिन सिर्फ 3 साल बाद ही अतीक की सपा से दूरियां बढ़ गई और उन्होंने सपा का साथ छोड़ 1999 में सोनलाल पटेल की पार्टी अपना दल में चले गए।
* अपना दल पार्टी से प्रतापगढ़ से चुनाव हारा
अपना दल पार्टी ने अतीक अहमद को प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ वाया लेकिन अतीक अहमद को यहां मुंह की खानी पड़ी। वहीं 2002 में अपना दल पार्टी ने अतीक को उनकी परंपरागत सीट इलाहाबाद पश्चिमी से टिकट दिया। इस चुनाव में अतीक अहमद यहां से फिर जीतने में सफल रहे। इसके बाद 2003 में समाज वादी पार्टी की सरकार बनी तो अतीक अहमद फिर सपा में आ गए।
* सपा से 2004 में फूलपुर से सांसद बने
अतीक अहमद को लोकसभा चुनाव में समाजवाद पार्टी ने 2004 में फूलपुर से टिकट दिया। यहां से अतीक अहमद चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे।