अफ्रीकी देश मलावी में कुदरत का कहर, 300 से ज्यादा मौतें
अफ्रीकी देश मलावी इन दिनों कुदरत के कहर का सामना कर रहा है ।यहां तूफान फ्रेडी ने भयंकर तबाही मचा रखी है। यहां के हालात इतने ज्यादा खराब हो चुके हैं कि बाढ़ और बारिश के वजह से अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है ।हालात इतने खराब है कि लोगों को खाने पीने के सामान तक जुटाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
दो करोड़ की आबादी वाले गरीब अफ्रीकी देश मलावी पर कुदरत का कहर
आपको बता दूं कि इस अफ्रीकी देश मलावी की आबादी महज 2 करोड़ है जिस पे कुदरत ने अपना कहर बरपा रहा है। इस लैंडलॉक्ड देश में हाल ही में आए तूफान फ्रेडी ने भयंकर तबाही मचाई है ।जिसमें अब तक कुल 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, अभी मृतकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और ना जाने कितने लोगों ने अपना घर खोया है।
मलावी में इन दिनों हालात बद से बदतर हो चुके हैं कि तूफान प्रभावित इलाकों में लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। बाढ़ और बारिश के वजह से कई सड़क जमीन में समा गई है, और सड़कों पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। जिससे यातायात भी बाधित है ,और लोगों को आने जाने में काफी परेशानी होती है। बारिश ज्यादा होने के कारण पहाड़ों पर से मिट्टी और कीचड़ पत्थर सब अपने साथ बहाकर ले आई है । यह कीचड़ लोगों के घरों में घुस गया है जिससे लोगों को काफी रहने में परेशानी हो रही है। यहां के हालात काफी खराब हो चुके हैं जिससे लोगों को काफी ज्यादा परेशानी हो रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य का अभियान चलाकर लोगों को रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है। तूफान का सबसे ज्यादा असर ब्लेनटायर शहर के आसपास देखा गया है।
इस तस्वीर के जरिए देख सकते हैं कितनी तबाही मचाई है ये फ्रेडी तूफान ने
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार
मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार फ्रेडी दक्षिणी गोलार्ध में अब तक आए सभी तूफानों में सबसे शक्तिशाली तूफान है। यह सबसे लंबे समय तक चलने वाला उष्णकटिबंधीय चक्रवात भी माना जा रहा है।
इस शक्तिशाली तूफान ने मध्य मोजांबिक को धराशाई कर दिया है। ब्लडी तूफान इतना भयानक रूप धारण किए था ,कि इमारतों की छतें तक टूट गई और भूस्खलन के कारण मलावी की तरफ क्वीलिमेन के बंदरगाह के आसपास बाढ़ जैसे हालात बन गई है। इस वक्त मलावी अपने इतिहास में सबसे घातक हैजा के प्रकोप से भी जूझ रहा है ऐसे में कुदरत की मार और परेशानी में डाल दिया है। यू एन की एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि फ्रेडी के चलते भारी बारिश की वजह से वहां की स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन उष्णकटिबंधीय तूफानों को मजबूत कर रहा है क्योंकि महासागर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से गर्मी को अवशोषित करते हैं और जब गर्म समुद्री पानी वाष्पित हो जाता है उष्मा ऊर्जा वातावरण में स्थानांतरित हो जाती है।