तो आइए जानते हैं इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई थी,
अंतरास्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। कहा जाता है कि 1917 ईस्वी में रूसी महिलाओं ने रोटी और शांति की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन किया था। इस विरोध प्रदर्शन का इतना असर हुआ कि तत्कालीन रूसी जार को अपना सत्ता तक छोरनी पड़ी थी।
उसी के बाद अंतरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी दिया था। मुस्लिम महिलाओं ने इस प्रदर्शन की शुरुआत की थी उस दिन रूसी कैलेंडर के हिसाब से 23 फरवरी का दिन था।इस तारीख को ग्रेगारियन कैलेंडर के हिसाब से देखा जाए तो वह दिन 8 मार्च का था । तभी से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का नाम दिया गया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को प्रदर्शित करने वाले तीन रंग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को प्रदर्शित करने वाले तीन रंग सफ़ेद, हरा और बैगनी है। महिला दिवस के कैंपेन के हिसाब से सफ़ेद रंग शुद्धता, हरा रंग उम्मीद और बैगनी रंग न्याय और उम्मीद की गरिमा को प्रदर्शित करता है।
क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की उपलब्धियों। का जश्न मनाने और अधिकारों की प्रगति का सालाना कार्यक्रम है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 20 वी सदी अमेरिकी समाजवादी श्रमिक आंदोलनों से हुई थी। वक्त महिलाएं काम के घंटे काम करने , बेहतर वेतन और वोट देने के अधिकार के लिए लड़ रही थी।1911 ईस्वी में महिला दिवस का पहला जश्न मनाया गया था।इस दौरान ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड मैं 10 लाख लोगों से भी ज्यादा लोगों ने महिलाओं के अधिकारों के समर्थन के लिए रैलियां निकाली थी।इसके बाद महिलाओं के कार्यस्थलों पर समानता से लेकर महिलाओं के हिंसा के खिलाफ मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। 1970 में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दी गई। तभी से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य ने दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने लगा।